पुस्तकालय सम्बन्धी नियम

पुस्तकालय सम्बन्धी नियम

  1. पुस्तकें प्राप्त करने हेतु पुस्तकालय कार्ड बनवाना अनिवार्य है। प्रवेश के बाद पुस्तकालय में कार्ड बनाये जाते हैं जिसके लिये प्रवेश की रसीद, एक फोटो एवं परिचय पत्र लाना आवश्यक है। पुस्तकालय कार्ड खो जाने पर छात्र/छात्रा पुस्तकालय में अविलम्ब लिखित रूप से सूचना देंगे तथा रु0 10/- जमा करने पर ही पुनः कार्ड प्रदान किया जायेगा। यह कार्ड अहस्तांतरणीय होता है। अतः दूसरे विद्यार्थी को नहीं देना चाहिये।
  2. पुस्तकालय में प्रवेश के समय छात्र-छात्राओं को पुस्तकालय कार्ड व परिचय पत्र साथ लाना होगा, क्योंकि केवल संस्थागत छात्र/छात्रायें ही महाविद्यालय के पुस्तकालय की सदस्यता प्राप्त कर सकते हैं।
  3. स्नातक स्तर के विद्यार्थी कार्ड पर दो पुस्तकें तथा स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थी तीन पुस्तकें एक साथ ले सकते हैं।
  4. छात्र-छात्रा को पुस्तकालय के कार्ड के विनिमय में ही पुस्तक दी जायेगी। पुस्तक लौटा देने पर छात्र-छात्रा को कार्ड वापस दे दिया जायेगा।
  5. छात्र-छात्रा को पुस्तकें सामान्यतः एक सप्ताह के लिये दी जाती हैं किन्तु अधिक मांग में रहने वाली पुस्तकें कम समय के लिये भी दी जा सकती हैं। जिन पुस्तकों की मांग कम है, वे पुनः प्राप्त की जा सकती हैं। निश्चित अवधि से अधिक समय तक पुस्तक रखने पर छात्र/छात्रा से प्रतिदिन रु0 1/- प्रति पुस्तक विलम्ब शुल्क देय होगा। परीक्षा तक पुस्तकालय की पुस्तकें न लौटाने की दशा में छात्र/छात्राओं को परीक्षा से वंचित किया जा सकता है।
  6. छात्र-छात्राओं को पुस्तकें विषय व दिन के अनुसार दी एवं ली जाती हैं। पुस्तक लेने से पूर्व विद्यार्थी पुस्तक का भली प्रकार निरीक्षण कर लें, यदि पुस्तक ठीक स्थिति में न हो तो उसी समय पुस्तकालय प्रभारी को सूचित करें अन्यथा पुस्तक लेने वाले छात्र-छात्रा को ही नई पुस्तकें देने का या उनके मूल्य का भार वहन करना पड़ेगा।
  7. पुस्तक खो जाने पर छात्र-छात्रा से पुस्तक अथवा पुस्तकों का वर्तमान मूल्य लिया जाएगा।
  8. संदर्भ पुस्तकें तथा अध्ययन कक्ष की पुस्तकें घर के लिए नहीं दी जा सकती हैं जैसे-
  9. शब्द कोष
  10. विश्व कोष
  11. वर्ष पुस्तकें
  12. जीवनी सम्बन्धी कोष
  13. भू-चित्रावली
  14. संदर्भ ग्रन्थ
  15. शोध प्रबंध
  16. पत्रिकाएं एवं समाचार पत्र