प्रवेश

सामान्य नियम

  1. महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालयों में संचालित स्नातक प्रथम सेमेस्टर एवं परास्नातक प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों (जिसमें प्रवेश परीक्षा के माध्यम से नहीं होने हैं) में प्रवेश विश्विद्यालय स्तरीय केन्द्रीयकृत ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली के आधार पर किये जायेंगें। प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त नियम ही मान्य होंगें। अतः प्रतिदिन विश्वविद्यालय की वैबसाइट www.mjpru.ac.in तथा महाविद्यालय की वैबसाइट www.sahujainnbd.org का अवलोकन करते रहें।
  2. किसी भी पाठ्यक्रम में अगली कक्षा में प्रवेश तभी दिया जायेगा जब विद्यार्थी पूर्व कक्षा की परीक्षा में उत्तीर्ण हो। किसी भी कक्षा में अनुत्तीर्ण छात्र को परीक्षा सुधार परीक्षा में सम्मिलित होकर उत्तीर्ण होने की प्रत्याशा में अगली कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जायेगा अर्थात् पाठ्यक्रम में प्रवेश के समय छात्र अर्ह होना चाहिए।
  3. (क) परीक्षार्थी को बी0ए0/ बी0एससी0/बी0कॉम0 की परीक्षा अधिकतम 6 वर्ष की अवधि में और एम0ए0/ एम0एससी0/ एम0कॉम0 की परीक्षा 4 वर्ष की अवधि में पूर्ण करनी होगी। यह गणना उस शैक्षिक सत्र से की जाएगी, जिस सत्र में विद्यार्थी ने पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में प्रवेश प्राप्त किया है।

(ख) यू0एफ0एम0 के छात्रों को उतने वर्ष अधिक मिलेंगे, जितने वर्ष तक वह परीक्षा से वंचित रहे हैं।

  1. विश्वविद्यालय/महाविद्यालय ऐसे विद्यार्थियों को स्नातक की अगली उच्च कक्षाओं में प्रवेश के लिए अनुमत कर सकता है जिन्होंने पूर्व कक्षा किसी अन्य मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की हो। प्रवेश समिति के अनुमोदन के पश्चात् ही विद्यार्थी को प्रवेश दिया जायेगा और प्रवेश के समय उल्लिखित शर्तों को पूरा करना होगा; परन्तु जो विद्यार्थी किसी अन्य विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रम की परीक्षा के भाग 1, 2 अथवा 3 की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गये हैं उन्हें इस महाविद्यालय में प्रवेश अनुमत नही होगा।
  2. जिस विद्यार्थी ने किसी भी स्नातक पाठ्यक्रम के किसी भी वर्ष की परीक्षा व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में उत्तीर्ण की है उसे उसी स्नातक पाठ्यक्रम की अगली कक्षा में नियमित प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
  3. एक विषय से स्नातक परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्रों को संस्थागत रूप में प्रवेश नहीं दिया जायेगा। किन्तु प्रयोगात्मक विषय वाले छात्र/छात्रा को प्राचार्य की अनुमति से कक्षा में पढ़ने की अनुमति होगी किन्तु वह संस्थागत छात्र नहीं माना जाएगा और ऐसे छात्रों की संख्या स्वीकृत कुल सीटों की संख्या के अतिरिक्त मानी जाएगी अर्थात् ये स्थान अधिसंख्या होंगे, ऐसे छात्र संस्थागत परीक्षा फार्म भरेगें। एक विषय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी अपने पूर्व के संकाय में ही परीक्षा दे सकेंगें ।
  4. स्नातकोत्तर स्तर के समस्त विषयों में प्रवेश हेतु न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक स्तर की परीक्षा 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना होगी। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों (जिनका जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से संलग्न हो) के लिए 45 प्रतिशत प्राप्ताकों (स्नातक स्तर की परीक्षा में) की बाध्यता नहीं होगी वरन् नियमानुसार 5 प्रतिशत प्राप्तांकों की छूट होगी अर्थात् न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 40 प्रतिशत प्राप्तांक होंगे ।
  5. छात्र एम.ए., एम.एससी. में प्रवेश के लिए उन्हीं विषयों में आवेदन कर सकता है जिन विषयों में उसने स्नातक अंतिम स्तर पर एक प्रमुख विषय के रूप में परीक्षा उत्तीर्ण की हो। एम.कॉम. प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए प्रवेशार्थी को बी.काम. परीक्षा 45 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण करनी होगी। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों (जिनका जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से संलग्न हो) के लिए 45 प्रतिशत प्राप्ताकों (स्नातक स्तर की परीक्षा में) की बाध्यता नहीं होगी वरन् नियमानुसार 5 प्रतिशत प्राप्तांकों की छूट होगी अर्थात् उनके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 40 प्रतिशत प्राप्तांक होंगे । ऐसे प्रवेशार्थी जिन्होने बी.ए./बी.एससी. में अर्थशास्त्र अथवा गणित विषय से उत्तीर्ण किया है उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यह नियम संस्थागत छात्रों पर ही लागू होगा। बी.कॉम. या एम.कॉम. में किसी प्रकार के डिप्लोमा चाहे वह बोर्ड ऑफ़ एजूकेशन, उत्तर प्रदेश अथवा अन्य किसी बोर्ड से पास किया हो तो उसके आधार पर प्रवेशार्थी प्रवेश का पात्र नहीं माना जाएगा। इस प्रकार के डिप्लोमा को मान्यता प्रदान करने वाले पूर्व के सभी निर्णयों को निरस्त माना जाएगा।
  6. (क) विश्वविद्यालय परीक्षा में अभद्र व्यवहार करने वाले विद्यार्थियों की शिकायत प्राप्त होने पर उन्हें किसी भी महाविद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

(ख) उस विद्यार्थी, जो पुलिस अभिलेखों के अनुसार हिस्ट्रीशीटर है या किसी अपराध में दोषी सिद्ध हुआ पाया गया है अथवा किसी अपराधिक मुकदमें में शामिल है, को प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

(ग) जो विद्यार्थी महाविद्यालय के अधिकारी वर्ग, अनुशासन मंडल सहित महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी के प्रति निन्दनीय वातावरण का सृजन करेगा उसका प्रवेश निरस्त कर दिया जायेगा तथा भविष्य में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

  1. जिन अभ्यर्थियों ने यू. पी. बोर्ड एवं विश्वविद्यालय द्वारा मान्य अन्य किसी बोर्ड से इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की है तो उन्हें स्नातक कक्षाओं में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
  2. किसी स्ववित्तपोषित महाविद्यालय से परीक्षा उत्तीर्ण किए हुए छात्र का उसी पाठ्यक्रम की अगली कक्षा में अनुदानित महाविद्यालय में प्रवेश नहीं होगा।
  3. एक महाविद्यालय से दूसरे महाविद्यालय में छात्रों का पारस्परिक स्थानान्तरण नहीं होगा।

13.  यदि कोई छात्र/छात्रा सरकारी अथवा गैर सरकारी नौकरी कर रहा/रही है तो प्रवेश लेने से पूर्व उसे अपने नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा और साथ ही साथ पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान छुट्टी लेनी होगी। अन्यथा की दशा में उसका प्रवेश निरस्त कर दिया जायेगा। यदि यह तथ्य छात्र छुपाता है और अध्ययन के दौरान विश्वविद्यालय/महाविद्यालय के संज्ञान में बात आती है तो उसे परीक्षा में सम्मिलित नहीं किया जायेगा।