अनुशासन संबंधी

अनुशासन परिषद

महाविद्यालय प्रांगण में अनुशासन बनाये रखने और उत्तरदायित्व की भावना का विकास करने के लिये अनुशासन परिषद है। अनुशासन परिषद अनुशासनहीनता के प्रकरणों कड़ी दृष्टि रखती है और दोषी विद्यार्थियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही करती है। प्रत्येक विद्यार्थी को परिचय पत्र बनवाने के लिये इस परिषद के समक्ष उपस्थित होना पड़ता है। शिक्षण संस्थाओं में रैगिंग जैसी कुप्रथा पर पूर्णरूप से प्रतिबन्ध लगाना इस परिषद का दायित्व है। इस सम्बन्ध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांकः 16.05.2007 एवं 11.02.2009 के आलोक में शासनादेश सं0-746/70-1-2009 लखनऊ दिनांक 26.03.2009 का पालन किया जाना अनिवार्य है।  

अनुशासन सम्बन्धी नियम

  1. प्रत्येक छात्र या छात्रा एवं उसके अभिभावकों को महाविद्यालय में प्रवेश के समय इस आशय का घोषणा पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा कि यदि छात्र या छात्रा संस्था के परिसर में या बाहर रैगिंग में लिप्त पाये गये तो उन्हें महाविद्यालय से निष्कासित कर दिया जायेगा तथा उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्वयं छात्र या छात्रा की होगी।
  2. किसी भी छात्र या छात्रा को रैगिंग से सम्बन्धित कोई शिकायत हो तो वह चीफ प्रोक्टर अथवा छात्र कल्याण परिषद को अपनी शिकायत के लिखित रूप में दे जिससे उसकी जांच कर उसका निराकरण किया जा सके।
  3. महाविद्यालय में किसी भी छात्र/छात्रा द्वारा धूम्रपान तथा नशीले पदार्थ के सेवन पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध रहेगा। यदि कोई छात्र या छात्रा इन पदार्थों का सेवन करते हुए पकड़ा जाता/पकड़ी जाती है तो उसे दण्डित किया जायेगा।
  4. छात्र/छात्राओं द्वारा परिसर के अन्दर लाइसेन्सी आग्नेयास्त्र सहित समस्त प्रकार के हथियार लाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध रहेगा।
  5. रैंगिंग की घटनाओं में लिप्त पाये जाने वाले छात्र/छात्राओं के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जायेगी, जिसमें महाविद्यालय से निलंबन, छात्रवृत्ति बन्द किये जाने आदि की कार्यवाही भी सम्मिलित होगी जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित छात्र/छात्रा का ही होगा।
  6. माननीय उच्चतम न्यायालय के नवीनतम आदेश दिनांक 08.5.2009 के अनुसार रैंगिंग में लिप्त छात्र/छात्राओं के विरुद्ध आपराधिक मामले के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज करा दी जायेगी तथा उन्हें संस्थान से निष्कासित कर दिया जायेगा।

विद्यार्थी का परिचय पत्र

  1. विद्यार्थी का परिचय पत्र इस महाविद्यालय की सदस्यता को प्रमाणित करता है।
  2. प्रवेश शुल्क जमा करने के उपरांत परिचय पत्र प्राप्त किया जा सकेगा।
  3. परिचय पत्र पर युनीक नं0 होगा। इस परिचय पत्र से ही छात्र-छात्राओं की बायोमैट्रिक उपस्थिति लगेगी और मान्य होगी।
  4. परिचय पत्र को बहुत संभालकर रखना चाहिये। उन सभी स्थानों और अवसरों पर जहां इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों का उपस्थित होने का अधिकार है, यह परिचय पत्र प्रत्येक दशा में विद्यार्थी के पास होना आवश्यक है।
  5. चूंकि यह कार्ड छात्र/छात्रा के नाम पर निर्गत होगा, इस कारण कॉलेज प्राध्यापकों द्वारा मांगने पर इसे प्रस्तुत ना कर पाने की स्थिति में विद्यार्थी का प्रवेश निरस्त करा जा सकता है।
  6. परिचय पत्र खो जाने पर ₹ 100/- की धनराशि जमा करने तथा मुख्य अनुशासक की संस्तुति पर ही इसे पुनः प्राप्त किया जा सकता है।
  7. महाविद्यालय के बाहर विभिन्न अवसरों पर भी परिचय पत्र उपयोगी सिद्ध हो सकता है। अतः छात्र छात्राओं को अपने हित में महाविद्यालय का परिचय पत्र अपने पास जाना चाहिए।

8.      परिचय पत्र बनवाने के लिए विद्यार्थी अपनी एक नवीन फोटो तथा ब्लड ग्रुप का प्रमाण पत्र साथ लेकर आएं।

विद्यार्थियों के लिए आवश्यक निर्देश/परामर्श

  1. इस प्रविवरण में दिये हुए प्रत्येक नियम को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
  2. यह महाविद्यालय नजीबाबाद नगर की सबसे बड़ी संस्था है। इसके छात्र होने पर आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि इसके सम्मान की रक्षा के लिए महाविद्यालय तथा महाविद्यालय से बाहर भी शोभनीय एवं सज्जनों जैसा व्यवहार करेंगे। शिक्षा जगत में इस संस्था को सम्मानजनक स्थान प्राप्त है। यहाँ से शिक्षा प्राप्त करके विद्यार्थी काफी ऊँचे पदों पर पंहुचते हैं। अतः ज्ञानार्जन के क्षेत्र में परिश्रम के सहारे आगे जाने की ओर लगातार प्रयत्नशील रहें।
  3. महाविद्यालय के नियमित संचालन तथा इसे श्रेष्ठतम बनाने में अपना हार्दिक सहयोग दें।
  4. अपना आचरण और व्यवहार शुद्ध एवं निष्कलंक रखें। उच्चकोटि के अध्यापक छात्र सम्बन्ध इस महाविद्यालय की विशेष परम्परा है। इस परम्परा का निर्वाह विशेष तौर पर करें।
  5. महाविद्यालय समय सारिणी की उचित व्यवस्था हेतु कक्षाएँ किसी भी समय लगायी जा सकती हैं। घंटों/वादनों के परिवर्तन के लिए किसी प्रार्थना-पत्र को स्वीकार करना संभव नहीं होगा। कक्षा में ठीक समय पर पहुंचें । कक्षा में आवश्यक पुस्तकें, लेखन उपकरण आदि सदा अपने साथ लेकर आयें।
  6. बरामदे में न घूमें और कक्षाओं के सामने से गुजरते समय बात न करें क्योंकि ऐसा करने से कक्षा में छात्रों के अध्ययन और शिक्षकों के अध्यापन में विघ्न पड़ता है।
  7. महाविद्यालय परिसर में लगे पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाना, दीवारों व कक्षाओं को गन्दा करना या उन पर कुछ लिखना दंडनीय है। ऐसी किसी क्षति का आकलन कर दोषी से दंड के रूप में राशि वसूल की जायेगी जो न्यूनतम 500/-रुपये होगी।
  8. महाविद्यालय में मोबाइल लाना शासनादेश के अनुपालन में वर्जित है।
  9. किसी भी विद्यार्थी को प्रवेश, छात्रवृत्ति, परीक्षा तथा अन्य कार्यक्रमों संबंधी सूचना डाक द्वारा नहीं दी जाएगी। छात्र एवं छात्राएँ स्वयं इसके बारे में कॉलेज सूचनापट को नियमित रूप से देखें। कॉलेज सूचनापट न देखने के कारण हुई हानि के लिए किसी भी प्रकार से महाविद्यालय उत्तरदायी नहीं होगा।
  10. इस प्रविवरण में दिए गए प्रावधान मात्र मार्गदर्शन के लिए हैं। इनमें शासन/उच्च शिक्षा निदेशालय/विश्वविद्यालय/महाविद्यालय द्वारा कभी भी संशोधन किया जा सकता है और उस स्थिति में संशोधित प्रावधान ही मान्य होंगे।